पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है ?

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 दोस्तो पोस्टमार्टम के बारे में काफी कुछ लिखा ओर कहाँ जा चुका है फिल्मो से लेके क्राइम पेट्रोल ओर CID जैसे त्रिलर T.v सो में इसका जिक्र तो लगभग आ ही जाता है पर आपने कभी सोचा है कि असल मे पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है अगर आप ये जानना चाहते है तो पूरी पोस्ट को अंतिम तक देखे क्योकि आज हम पोस्टमार्टम की पूरी परिक्रिया को समझाने वाले है।



पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है ?


पोस्टमार्टम करने में काफी परेशानिया है जैसे कि हर बार आपका शरीर सही रूप में नही मिलेगा हो सकता है जिस डेड बॉडी का पोस्टमार्टम किया जा रहा है उसकी मौत किसी भयानक एक्सीडेंट से हुई हो जिस वजह से शरीर को जोड़ना और उसे अच्छी तरह से समझना मुश्किल हो सकता है पर अभी के लिए हम ये मानके चलते है कि एक नार्मल शरीर का पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है पोस्टमार्टम करने की मुख्य वजह मौत का कारण जानना है ओर हर पोस्टमार्टम के परिणाम में इनमे से कोई एक परिणाम निकलता है या तो मौत नेचरल थी, या सुसाइड, या हत्या थी मौत एक्सीडेंट या सुसाइड से भी हो सकती है या फिर अगर बॉडी को पूरी तरह समझनें पर भी समझ न आये तो मौत के कारण को andirarment घोषित कर दिया जाता है 

पोस्टमार्टम ज्यादातर मौत के 2 से 3 दिन के भीतर हो जाना चाइये वरना उसके बाद बॉडी decompose होने लग जाती है ओर उस पर ऑपरेट करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है पोस्टमार्टम के लिए कोई भी शरीर जब आता है तो सबसे पहले उसका एक्सटर्नल examinetion किया जाता है एक्सटर्नल examinetion में सब से पहले जिस हालात में शरीर आया है उसी हालत में शरीर की तस्वीरें खिंची जाती है ताकि बाद में शरीर के सुरवती घाव का रिकॉर्ड रखा जा सके फिर इसके साथ ही शरीर पर बने सारे टेटू ओर मार्क को भी रिपोर्ट में लिखा जाता है इसके बाद नाखुनो के सेम्पल लिए जाते है उन्हें जाच के लिए आगे भेज दिया जाता है ब्लड के साथ साथ आँख के लिकविड को भी चाज के लिए भेज दिया जाता है इन दोनों ही चीज से आपके शरीर मे अल्कोहल लेवल ओर ड्रगस होने का पता चल सकता है जिसे चाज थोड़ी आसान हो जाती है इसके साथ साथ आपकी सारी फिंगरप्रिंट को अलग से रिकॉर्ड करके रखा जाता है । अगर बॉडी ज्यादा डिकॉम्पोज हो गयी ओर फिंगरप्रिंट लेना मुश्किल है तो डॉक्टर आपके हाथ से स्किन को इस तरीके से निकाल देंगा की ओ एक ग्लब्स की तरह पहनी जा सके ओर फिर उसके बाद उसको पहेन के आपकी फिंगरप्रिंट ले लेगा एक्सटर्नल examinetion के साथ साथ बालो का भी सेम्पल लिया जाता है ओर आखिर में एक एक्सरा होता है एकसरे से काफी चीजे मालूम पड़ सकती है जैसे कि अगर किसी को गोली लगी थी तो गन पाउडर सबसे ज्यादा कहाँ इक्कठा हुआ है अगर कोई टूटी हुई हड्डी है तो उस पर जो कट है ओ किसी हतियार से किया गया है या नेचरल है। इसके बाद उसके शरीर से कपड़े निकाल दिया जाता है ओर उसकी पीठ के पीछे रबर लगाकर उसके शरीर को छाती से ऊपर उठाया जाता है अब अगर किसी मर्द का शरीर है तो उस पर Y सेप में कट लगाए जाएंगे और औरतों के लिए U सेप में। ये कट आपके कंधो से सुरु होकर पीयूबीक बोन तक जाता है इसके बाद डॉक्टर ऊपर की स्किन ओर बाकी लेयर को निकाल कर इस सीने वाले हिस्से को खोल देते है जिसके बाद शरीर के लेयरिंग,foodpaip ओर अर्ट्रिस्ट को अलग निकाल लिया जाता है। इसके बाद hart आदि को कट लगाकर शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है। पूरी पोस्टमार्टम की परिक्रिया के दौरान हाथो ओर पैरों को तब तक नही खोल के देखा जाता जब तक ओ जरूरी न हो अब निकले गए पार्ट का अच्छे से वजन किया जाता है ऐसा इसलिए कि कुछ बीमारिया इस तरह की होती है जिनसे ऐसे हिसों का वज़न कम या ज्यादा हो सकता है। इसके बाद पेट मे खाने की मात्रा चेक की जाती है इसी से ज्यादा तर डॉक्टर अंदाजा लगते है कि शरीर की मौत कब हुई होंगी इसके बाद बाकी निकले गए पार्ट की टेस्टिंग के लिए आगे भेज दिया जाता है।अब बारी आती है दिमाग की दिमाग को भी शरीर से तब अलग किया जाता है जब ये बहुत ही ज्यादा जरूरी हो ऐसा होने पर रबर blog को पीठ से हटा कर एक तकिये की तरह सर के पीछे रख दिया जाता है और शरीर के एक कान से दूसरे कान तक माथे पर एक बड़ा कट लाया जाता है जिससे ऊपर की स्किन उत्तर जाए स्किन उतरने के बाद iskal को खोला जाता है iskal अलग होने के बाद सबसे पहले दिमाग को उस पाईनल कोड से अलग करके निकाल लिया जाता है ओर इससे कुछ ब्रेन tisu की चाज की जाती है ताकि azamier जैसी बीमारी के संकेत देखा जा सके शरीर के बाकी पार्ट को भी डॉक्टर चाये तो टॉक्सिकोलॉजी, क्रोमैटोग्राफी के लिए भी आगे भेज सकता है ये ज्यादा तर तब किया जाता है जब डॉक्टर को शक़ हो कि किसी इंसान को जहर देकर मारा गया है।



सारे टेस्ट पूरे होने के बाद शरीर से निकाले अंगों के साथ क्या करना है ओ डॉक्टर पर निर्भर करता है ज्यादातर केस में सभी अंगों को वपस से उनकी जगह पर लगाकर बॉडी को बंद कर दिया जाता है लेकिन कभी कभी डॉक्टर पूरे अंग या कम से कम कुछ हिसे या tisu को स्ट्रोर करके रखते है ऐसा तब किया जाता है जब मौत के पीछे के कारण इस्पस्ट न हों पाए या कोर्ट में कोई केस चल रहा हो कि बाद में इन पार्ट को सबूद के तौर पर इस्तमाल किया जा सके इन पार्ट को स्ट्रोर करके खराब होने से बचाने के लोए formalin नाम का लकविड में मिलाकर रखा जाता है यूह तो पोस्टमार्टम मोडिक्ल साइंस बहेतरीन टूल है मौत की वजह जानने के लिए । पर कुछ सालों में देखा गया है भारत सहित कई देशों में शरीर का पोस्टमार्टम नही होने देते जिसके 2 मुख्य कारण है पहला करना बहुत ही स्व्भाविक कारण है की कभी कभी परिवार वाले नही चाहते कि मृत शरीर के साथ कोई भी छेड़ छाड़ न हो साथ ही पोस्टमार्टम की वजह से आगे के संस्कार करने में भी देर होती है। इसकी दूसरी वजह एक्सपर्ट मानते है कि पोस्टमार्टम पुरानी परिक्रिया हो गयी है । और मेडिकल साइंस ने अब इतनी तरकी कर ली है कि बिना पोस्टमार्टम के ही ज्यादा तर मौत की वजह का पता लाया जा सकता है जिस वजह से ज्यादातर केस में पोस्टमार्टम की कोई जरूरत नही है

उम्मीद करते है दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होंगी !

                                                                              !!  धन्यवाद !!

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